आज फुरसत में हूँ,
क्रिसमश का दिन है और आफ़िस से छुट्टी,
सुबह सवेरे दिनचर्या के बाद थोड़ी कपकपी महशूस हुई,
आज फुरसत में हूँ ।।
आफिस जाने का भय नहीं और संयोग से कोई इंगेजमेंट नहीं ,
इत्मीनान और शुकून,
सुबह बेरासी वर्ष के पिताजी के लिये,
अनार का जूस निचोड़ने लगा,
आज फुरसत में हूँ ।
जूस निकालकर ठंडा ड्रेस लबादकर सुबह (6.45 ) नीचे उतरा ,
पेपर पड़ा था सो निचोड़ने लगा,
एनरोइड हाथ में हो तो न्यूज बासी लगती है,
वैसे आज न्यूज भी फीकी थी,
तीन हिंदी पेपर निचोड़ डाला,
आज फुरसत में हूँ ।
7.30 में हाथ में झोला लटकाए सैर को निकला,
उद्देश्य सैर के साथ छुट्टी के दिन पेट के माशा की तृप्ति बुझानी भी थी,
तीस मिनट टहल कर झट से सब्जी मंडी मोल करने लगा,
सोंचा था आज बजका बीरी से क्षुधा को तृप्त करुँगा ,
आज फुरसत में हूँ ।
हरा चना, सग्गा प्याज, बतिया कद्दू, गोभी, बैगन मोलभाव कर उठा लिया,
छोटा झोला सरिया कर पैजामा के पॉकेट में कसे हुए थे,
पॉलीथिन पर गाज गिरल देखकर पॉलीथिन लेने की जिद किया,
संयोग से कोई पॉलीथिन नहीं दिया,
अलबत्ता हरा चना वाला एक छोटा कपडे का थैला में अहसान जताते बोला दू रुपया का है ,
आज फुरसत में हूँ ।
हार पार के जेबी में से झोला निकालना पड़ा,
मुझे अनदिनों झोला रखने के चलते बीबी की झिड़की सुननी पड़ती है,
कहती है देहाती,
लेकिन हम ठहरे निरा मूर्ख और देहाती अपनचाल नहीं छोड़े,
आज तो पॉलीथिन बन्द का टेस्ट कर रहा था,
एक बात और मेरी बीबी के सामने हमको देहाती मत कहिएगा,
अरे भाई हम देहाती रहकर कुछ तो प्रकृति की सेवा किये,
हमर मेम साहब की इसब बात न बतावेके,
आज फुरसत में हूँ ।
डर के मारे सब्जी घर मे मेम साहब को दिखाकर डाईनिंग चेयर पर सजा के निकाल दिए,
पर बीबी की झिड़की के जगह मद्धिम मुस्कान मिली,
अहो भाग्य घर में कढ़ी बड़ी की तैयारी जो थी,
निरामिष घर का तो ई भोजे हो गया,
आज बड़ी अच्छा दिन निकला,
भगवान करे हिन्दू के पर्व क्रिसमश अईसन हो,
आज फुरसत में हूँ ।।
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