Sunday, October 27, 2013

27 october को भाजपा की रैली में बम बिस्फोट

यह बिहार के लिए शर्मनाक , चिंताजनक , अपमानजनक ...घटना है . इसके लिए किसी दुसाह्सी व्यक्ति की कृति की संज्ञा है . मैं हतप्रभ हूँ . सीता , कर्ण , बुद्ध , महावीर , चन्द्रगुप्त - चाणक्य, गाँधी , जयप्रकाश .... की पावन धरा को कलुषित करने की पुनः कोशिश की गयी है .इसमें किसी राजनीतिज्ञ ओछी हरकत की गुंजाईश नहीं है . परन्तु सरकारी नौकरशाहों का सही दयीत्वों का सही से नहीं निर्वहन का परिणाम है . अगर बोधगया की घटना से सबक लेकर पुलिश प्रशाशन कार्य करती तो समय रहते इस दुखद घटना से बचा जा सकता था या इतनी बड़ी घटना नहीं घटती .

हालांकि नीतीश कुमार द्वारा अपना पूर्व से नियोजित कार्यक्रम को रद्द कर शाम में प्रेस विज्ञप्ति से उनके धर्य एवम राजनीतिज्ञ विद्वेष की साजिश परकी   आशंका को विफल कर कुशल प्रशाशक की झलक मिलती है . साथ ही साथ नरेन्द्र मोदी की शान्ति की अपील भी राजनिती में साजिश को पूर्णतः विफल करता है .

हमलोगों को इस दुःख की घडी में मृत परिवार एवम घायल व्यक्ति को सान्तवना देते हुए पुनः नयी उर्जा के साथ बिहार का नाम स्वर्णिम इतिहास में जोड़ने का समय है .

आये हमलोग मिलजुलकर नया बिहार जो पूर्व से जाना जाता है उसमें कुछ कड़ी जोडें .