Sunday, March 24, 2024

भारत की विकास का रोड़ा

 आज ७७ वर्ष बीत गए भारत का निर्माण हुए पर उसी समय चीन और द्वितीय विश्व युद्ध के बाद असहाय जापान की तुलना में आज भी देश प्रगति का बाट जोह रहा है।

आज भारत का स्कील्ड, टेक्नोक्रेट, scientist, डॉक्टर आईटी पर्सनल और उच्च शिक्षा हेतु छात्र विदेश में पलायन को मजबूर हैं।यदि आपको भारत की स्थिति समझनी है तो कभी फुर्सत में समय निकालकर  इस प्लेटफार्म के सभी लोग जो अपने को शिक्षित या मध्यम वर्गीय कहते हैं वह सोंचे कि आप अपने बच्चे की शिक्षा सरकारी स्कूल में कराते हैं । हम में से कितने व्यक्ति निजी स्कूल से शिक्षा प्राप्त की है ? अब जब हमारी सरकारी स्कूल और सरकारी नौकरी प्राप्त हो गई तब क्या हमारे गाँव के लोग जो अधिकांश ग़रीब हैं वह सक्षम हैं कि वह निजी स्कूल में फ़ीस देकर शिक्षा के भारी भरकम राशि का वहन कर सके ।

हम जब व्यक्तिगत रूप में तुलनात्मक आर्थिक रुप से संपन्न हो गये तब देश प्रेम जाग गया । अगर सचमुच में देश प्रेम जाग जाता तो कितने अशिक्षित अपने ग्रामीण या घरेलू सेवक या अपने समाज के लोगों को हम शिक्षित कर पाये ।यही नहीं अलबत्ता हमलोगों ने स्वास्थ्य, शिक्षा और रोज़गार में अपने बच्चों को पिछड़ते देखकर हम में से कई ने निजीकरण की नींव के रूप में उच्च पैसे से बच्चों को शिक्षित करने के लिए निजी शिक्षण संस्थानों का ईजाद किया । इससे double फ़ायदा बिज़नस का और पैसों या सामंतबाद के पोषक के बच्चों के प्रतियोगिता में पिछड़ने पर कैपिटेशन फ़ीस और उच्च शिक्षा का नया दरवाज़ा खोलना । फिर जब अक्षम धनाढ्य के बच्चे पढ़ जायें और फिर सरकारी नौकरी में पिछड़ने लगे तो नौकरी के स्थान पर सरकारी पदों में कटौती के साथ निजीकरण कन्सल्टेंसी और सरकारी कार्यों को निजीकरण के हाथों में सौंपने का सुनियोजित व्यापार जिसका संचालन फिर वही अक्षम निजी क्षेत्रों से उच्च शिक्षा प्राप्त किए धनाढ्य के बच्चे CEO के रूप में व्यापार का मॉडल शुरू किया । इस व्यवस्था ने सभी मध्यम वर्गीय, ग़रीब किसान, मज़दूर के लिए शिक्षा और रोज़गार को सरकारी स्कूल की बदतर होती हालात ने ग़रीब से दरिद्र होने पर मजबूर करने लगा । यही नहीं किसान की घटती औसत समानुपातिक आमदनी और सरकारी सेवा में बेरोज़गारी ने लोगों को जीविकोपार्जन के लिए ही तड़फड़ाते रहना पड रहा है ।


हमलोग की देश सेवा  और देश प्रेम इतना मज़बूत है कि जब अपने बच्चों को भारत के निजी या सरकारी संस्थानों में शिक्षा या रोज़गार का योग्यता के अनुसार मासिक आमदनी नहीं मिलने पर बच्चों को GRE, TOFEL से वैदेशिक संस्थानों में शिक्षा प्राप्त कर विदेश या MNC में नौकरी के लिए प्रोत्साहित करने में लगे हैं। यह हम मध्यम वर्गीय व्यक्ति की एक प्रकार की मजबूरी भी सरकारी नौकरी या निजीकरण में योग्यता के अनुसार रोज़गार न मिलने पर बन गई है ।


अब प्रश्न है उद्योग का ? टाटा और बिरला समूह के उद्योग घराने को छोड़कर अधिकांश उद्योगपति के द्वारा देश के प्रकृति प्रदत्त पदार्थ, खनिज, समुद्र, पत्थर,  खाद्य सामग्री , कृषि उत्पादों का दोहन कर रोज़गार में लगे व्यक्ति की मजबूरी का शोषण कर उत्पाद का  मूल्य अधिक मुनाफ़ा पर व्यवसाय कर दिन दूना दूना तरक़्क़ी कर रहा है पर देश या पिछड़ेपन के लिए कोई भी सार्थक प्रयास नहीं की गई है या की जा रही है ।


*अब तो स्वास्थ्य चिकित्सा, जाँच और दवा भी कॉरपोरेट की गिरफ़्त में अपने जीवन को सौंप कर तमाशबीन बन कर मारने का इंतज़ार करने पर मजबूर होना एक मात्र मार्ग बच गया है ।*


*Public system का निजीकरण एक नये प्रकार की ग़ुलामी को जन्म देता है । निजी संस्थान या उद्योग तभी देश हित में रहेगा जब तक उसकी प्रतियोगिता सरकारी सक्षम संस्थान या अन्य निजी संस्थान की भी मौजूदगी होगी ।*

Monday, November 27, 2023

कार्तिक पूर्णिमा२०२३ का गंगा दर्शन और आस्था

 *कार्तिक पूर्णिमा २०२३ का गंगा स्नान का यथार्थ*


*आज संयोग से मैंने कार्तिक पूर्णिमा के दिन पटना से बख़्तियारपुर सुबह ६ बजे गंगा दर्शन के लिए सपत्नीक , बहन संग अतीत मंजर हेतु स्नान आदि से निवृत्त होकर ७ बजे गंगा घाट पहुँचने के बाद घाट भ्रमण एवम दर्शन कर पुनः छठ का ठेकुआ चाय लिट्टी खाने के बाद पटना लौटकर गाय घाट से दीघा घाट तक कई घाटों के गंगा दर्शन के पश्चात दोपहर बाद अटल पथ से पटना निवास पहुँचा ।*


*बचपन के गंगा दर्शन से यह दर्शन मुझे कौतुहल किया ।*


*१९७० के समय में गंगा स्नान में किसानों की ही बाहुल्यता होती थी । घाट पर खिलौने, बांसुरी, औरतों के शृंगार प्रसाधन की वस्तु, लट्ठो, तिलकतरी, दही, गुड, सत्तू, चुरा बिकता था । ढोल, मंदार के साथ औघाड़ का तांडव भय पैदा करता था । गंगा में कल कल ध्वनि के साथ जल प्रवाहित होता था । मंदिर में आने जाने का ताँता लगा रहता था । मुंडन कार्यक्रम के साथ ओझा, भगत का खेल अचंभित करता था ।वैसे मैं स्पष्ट कर दूँ कि बचपन के तीन वर्ष माता पिता और तीन बहनों के साथ मैंने अपने बख़्तियारपुर अवस्थित घर में समय बिताया था ।*


*इस वर्ष के गंगा दर्शन में सिर्फ़ कामगार मज़दूर वह भी पहले की तुलना में बहुत ही कम देखने को मिला । घाट पर दही, गुड, चूड़ा बिकते नहीं देखा और शृंगार प्रसाधन और साँख, लट्ठों, तिलकतरी के इक्का दुक्का ठेले को देखा वहाँ भी बिक्री न के बराबर । गंगा का पानी गंदा रंग के साथ ठहराव लिए था जो चीख चीख़ कर प्रकृति के विलुप्त होने की व्यथा बतला रहा था । सबसे विचित्र बात अल्प भीड़, इक्का दुक्का मुंडन मंजर के साथ कोई ओझा भगत का डांस तांडव का मंजर नहीं था । इस अंधविश्वास का स्वतः विलुप्त होना ग़रीबों में जागरुकता का अहसास करा रहा था जबकि सम्भ्रांत की ऊँगली में रत्न जड़ित अंगूठी भारत के विषैले नाग की सज्जा को सुशोभित कर रहा है ।मंदिर में आंशिक भीड़ कार्तिक पूर्णिमा या गंगा स्नान में ख़त्म होती आस्था का पहचान है या प्रदूषित गंगा का होना । अगर गंगा का प्रदूषण कारण होता तब छठ पर्व में गंगा घाट में भीड़ क्यों बढ़ते जाती! हिंदू के सोशल मिडिया पर ध्वजवाहक का गंगा स्नान में सर्वथा अभाव था । था तो सिर्फ़ गंदे पुराने कपड़े पहने मोटरी गठ्ठर के साथ आये आंशिक BPL सूची वाले लोग ।*


*आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान में मेरे जैसे और हिन्दू धर्म के क्षदम सोशल मीडिया के संभ्रांत सिर्फ़ राजनीतिक लवादा ओढ़े अपनी पत्नी पुत्र के साथ गाढ़ी निद्रा में लोगों को जाति धर्म के नाम पर आपस में लड़ाने में लगे थे और वास्तविकता से कोसों दूर रहकर सही सनातन वाहक के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोज़गार से वंचित रखकर पीज़ा, बर्गर, केक, पेस्ट्री, मटन, चिकन, मछली, प्रोन, क्रैब की तैयारी में ऑनलाइन ऑर्डर के लिए मोबाईल से नूरा कुश्ती कर रहे थे ।*

Saturday, September 23, 2023

मनवता, मर्यादा और चरित्र (सनातन= सदा अनन्त)

 *मानवता, मर्यादा और चरित्र ( सनातन = सदा अनन्त)*

*बहुत हर्ष हुआ । हम विकसित भारत बनायेगें । आजादी के पूर्व के सेनानी की संख्या नभ जल अग्नि धरा में अधिकांश विलीन हो गई । कुछ बचे हैं जो विलीन होने की वाट जोह रहे हैं । स्मृतियाँ धुँधली है थोड़ी बहुत बची है उसे अल्ज़ाइमर्स नामक रोग ने शिथिल कर दिया है ।*

* …पर इतिहास है । इतिहास के भी कई रंग है … जो मौसम की तरह रंग बदलता है । क्या सनातन, सदा अंत न होने का यही बदलाव है जो एक दूसरे को कटुता के भाव से किया जाने लगा है ? क्या मर्यादा, नैतिकता, शालीनता में अमर्यादा, अनैतिकता, नफ़रत की चादर ओढ़ ली है । इसे ही सनातनी बदलाव कहते हैं ।*

*माफ़ करना मित्रों मुझे तो ऐसा दिखता या लगता है कि मैं अब हम नहीं हो सकता है । यह अंतर हम का मैं में बदलाव के कारण हुआ है ।*

*लगा था नया इंडिया न बाबा न …. भारत का नया संसद कई मायनों में अच्छा क्या उत्तम न …न श्रेष्ठ होगा । मानो हम लोकतंत्र संविधान से ऊपर हो गये हैं ! *

*बदलते भारत के नए नूतन विराट भवन में अशोक स्तंभ के स्थान पर सेंगोल ने जगह बना डाली ।मैंने सेंगोल को पहली बार नाम सुना था । हो सकता है, मेरा इतिहास का सामान्य ज्ञान बहुत कम हो , पर मुझे आशा है कि आप यह जरुर जान रहे होंगें कि सेंगोल प्रतीक का साम्राज्य अशोक स्तम्भ प्रतीक से कई गुणा अधिक होगा । वैसे तो अशोक स्तम्भ दक्षिण भारत के थोड़े बहुत क्षेत्र को छोड़कर वर्मा, भूटान, नेपाल से हिन्दूकुश पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान तक फैला हुआ था । आधुनिक भारत के नाम से पहला बदलाव सेंगोल के साम्राज्य की संरचना ने कर डाली *।

*नये भारत के नये संसद में भले प्रथम कार्यदिवस स्थानांतरण के समय प्रथम आदिवासी वंचित विधवा महिला राष्ट्रपति का प्रवेश नहीं हुआ पर यह कार्य एक विशेष सत्र के आमंत्रण से आनन फ़ानन में हिन्दी के भादो माह में विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के लोकतंत्र के प्रतीक प्रधानमंत्री के अभिभाषण  (आख्यान) से प्रारंभ हुआ ।*

*भाषण आपसी सद्भाव , भाईचारा, संसदीय मर्यादा, आचरण, नैतिकता बनाए रखने के बदलाव ने मन मश्तिष्क पर ऐसा प्रभाव डाला कि भारत सचमुच में बदल गया । संसदीय इतिहास में आधी आबादी उपेक्षित जनसंख्या के विल से भी सम्बन्धित था जो अचम्भित कर रहा था कि भले किसी कारणवश प्रधानमंत्री अपनी धर्मपत्नी का कई चुनावी हलफ़नामों में नाम न अंकित किया हो पर नारी शक्ति की कीड़ा उन्हें उद्विग्न कर रहा है ।*

*पर मुझे पुरुषों की मानसिकता पर संदेह रहता है कि क्या हम पुरुष नारी सशक्तिकरण में विश्वास रखते हैं भी क्या ? या ख़ाली दिखावटीपन ! संदेह मेरा उसी समय जड़वत हो गया; जब प्रथम महिला आदिवासी राष्ट्रपति का विशेष सत्र हेतु नये भवन में आगमन नहीं हुआ । मुझे सनातन में हो रहे बदलाव ने अचंभित कर रखा था पर यह भी जानता था कि सनातन में नारी शक्ति की ईश्वर के रुप में सर्वप्रथम आराधना पूजा होती है पर भौतिक रुप में अब तक उसे मौलिक रूप में अधिकार से वंचित किए जाने के सारे नियम विद्यमान हैं । मैं सोंच में था कि मुझमें भी वास्तविक रुप में कई बदलाव करने पड़ेंगें ।*

*ऐसा महसूस हो रहा था कि अब मुझे सही सनातन का ज्ञान हुआ है । बदलाव ! ….भादो माह में विशेष सत्र ! …..विशेष सत्र की कार्यमंत्रना में  गोपनीयता ! …..हिंदू प्रथम महिला आदिवासी राष्ट्रपति का नये सत्र के नये भारत के नये संसद भवन में प्रथम दिवस पर आगमन का न होना ! …. प्रधानमंत्री जिसकी पत्नी होते हुए महिला के रुप में भी निर्वासित रहने पर महिला सशक्तिकरण आरक्षण विल पर चर्चा !*

*अंत में विल दोनों सदनों में लगभग सर्वसम्मति से पारित हो गया परन्तु लागु कब होगा …. धरातल पर कब उतरेगा उसमें दो कील है । प्रथम परिसीमन और दूसरा सेन्सस अर्थात वर्तमान “क्या १० वर्षों में भी राधा को न तो नौ मन तेल होगा और न राधा नाचेगी” । जय हो सनातनी बदलाव !*

*अरे भाई ! यह क्या हो गया सनातनी प्रवर्तक के नेता बदलाव में इतिहास बनाये जाने के उद्देश्य से आज तक संसदीय इतिहास में जो नहीं हुआ बिदुरी जी ने संसद में ही ऐसा ही सदाचार, ज्ञान, आचरण, नैतिकता, मर्यादा रुपी ओज से ओतप्रोत आख्यान दिया कि हर्षवर्धन और रविशंकर सरीखे भूतपूर्व मंत्रियों ने मंद मंद मुस्कान से अपनी सहमति भी दे दी । जिस पर सदन के अध्यक्ष भी गौर से सुने।*

*सनातन बदलाव का प्रतीक …. यह है नयी मर्यादा! नई संस्कृति! नया सेंगोल! नया संसद! नया बिल!*

Friday, May 19, 2023

मगही में बोले जाने वाले शब्दों की प्रस्तुति

 बिहारी मगही में विलुप्त होते शब्दों के प्रस्तुति का एक तुच्छ प्रायस


कोठरी के ओसारा के ताखा पर ढिबरी बरते देखलूह । दालान, चूल्हानी, दूध आऊँटी घर कहाँ होब हई और राम राम के बेरा में किरिंग फ़ुटे से पहले डोल डाल के बाद दतमन से मुँह धोके या बसिये मुँह दोसर दुहारी के ओसरा में तातल तातल चाह पीलू ह ।मुँह जूठा कईले बिन  ब्रह्म बाबा के गोड़ लगलहू ह । ढेलवा गोसाईं पर स्कुल जाय के बेर में एक ढेला रोज़ रखहल्हू ! डीह केकरा कहल जा हई । साँझ मयीया या उत्तर तरफ हाथ उठा के किरिया खयीलुह । पीलुआही, बीहुनाठी, मँगजरऊनी, भुईयाँ, भुसुल्ला, बढ़नी, पीरदायीं, तसला, बटलोही, बरगुना केकरा के कहल जा हई । लबर लबर बोले के लूर हो का । हुमच के खटिया पर चेथरी तीतल अंगा पहन के बैठल पर डांटलगेल हल कि बच गेलहू हल ।ओरचनी तरफ़ मुड़ी राहतयी की पैर? केकरो हऊँकल्हू ह कि तू ही हऊँकागेलहु ह । भोथर   आमदी और भोथर औज़ार देखल्हू ह की न देखलह । केकरो गर्दा उड़ाते या अपने केकरो हऊंके है और फिर कूटइलह ; ईं भुने भुने न बताहू, किरीया खाए पड़तो । तू बहुत भीतरघुनिया हू जी एकरे चलते तो नीमन तरी से थूरा जाह । बनातरीके आजहनोग ला हमरा बढ़िया तरी से तू नहिये समझलूह । तरकारी खाये से मुँह परपरयीलो ह ? घूँट घूँट पीह न कि गटर गटर । अरे मरदे छाँक लगा के मत पी हो ! एतना गरम हऊ कि तेतरा या सेंका जयितऊ । भकूआ के काहे घूरहें अलबलाल नीयर ? हदसल लगहो ।सवलबा पूछे पर अलवलाहीं हो तब तो परीक्षवा में ख़ाली टीप होतहू । कने बरीअरी ठोकलहू ह । आज अघा के ख़ायीलूँह । बसियाल औराल भात कहीं तरकारी साथे कोई खा हई । अरे गींज मथ मत ।भोथर पिरदायीं जेकरा से रामतोरयी न कटहयी ओकरा से कपड़ा में चीरा या सुतरी कटतई । इम साल एकदम सुतार हई न तो परसाल नियर रहत हल त दमे निकल जयितहोत ।बरियारी मत करहीं । एकदम अघालहू । बकलोल के फेर में मत रह न तो ठेहुना घीस जयीतो, फिन फूटे में देरो न लगतो । केहुनिओ मत न त खीस बरतउ तब केकरो पछाड़ देबऊ । लफ़ूअन सब के घूरे के बेमारी रह हई, एकरे में दू तबडाक़ लग जयितयी न त एकदम निशे फट जईतयी । सीक चकरी,घिरनी, डोल पत्ता, चीक्का…. से पैर में विवायी फटलो ह ? मिज़ाज गरम होलो न त हम केकरो न छोड़वो । हट मरदे! बिना मूँछ के मरदनवा ज़्यादा मटकी मारहो जी । छिनरा नियर लगहो ! सेखारी, अमनीया जानहू कि उलट पुलट करदेभू त मायीया छोलनी से दाग देथून । लंठई करबहू न तब फँसबहू न त घरे लोटा लोटा के थूरईब । अहरी, गहड़ी में मछली मारव न कि बँशी लेके या कादो में से मछरी मारते देखे में बड़ी नीमन लगहयी आऊ मजो अयीतो । होरहा, अलंग, डीह, राहर रेंडी के ख़ेत के बाते कुछ और रहहयी । बग़ीचवा में टिकोलवा चोरावे के और लटायीन से तिलंगी या गुड्डी बू कट्टा करे में बड़ी मजा आयीतो । माटरसाहब भुने भुने छऊँडी से बुरी बुरी बात करे पर सिट्टी तोड़ देलथीन और फिर छऊँड़ा के रेगनी के काँटा पर सुता के हाऊँक देलथीन ।


*नालिन कुमार सिन्हा*

Saturday, January 28, 2023

35 वर्ष 6 माह के पश्चात सरकारी सेवा में समापन के अनुभव के साथ लगभग अंतिम प्रणाम और आशीर्वाद

*ग्रामीण कार्य बिभाग अंतर्गत मेरे सरकारी सेवा के 14 वर्ष 6 मास (कुल 35 वर्ष 6 माह) के पश्चात सरकारी सेवा में समापन के अनुभव के साथ लगभग अंतिम प्रणाम और आशीर्वाद*


*कई चैलेंजिंग दायित्वपूर्ण पदों पर आसीन रहकर निष्पक्ष भाव से मैंने सरकारी सेवा की 35 वर्ष 6 माह की यात्रा का अवसान 31 जनवरी 2023 को निर्धारित है ।सरकारी सेवा की निर्वासन की तिथि जन्म के दिन ही निर्धारित हो जाती है ।


*मुझसे कई क्षेत्रीय या यहाँ तक मेरे बैच के मित्र भी मुझसे भयभीत रहते थे । मैंने बिभाग में क्या किया वह सभी सफेद पन्नों पर रंगीन स्याही से मार्क के रुप में मिलेगा । इसका मूल्यांकन आप सभी करते होंगे ।*


*ग्रामीण कार्य बिभाग अंतर्गत क्षेत्रीय अभियंता के रुप में मैंने 6 वर्ष मसौढ़ी और कटिहार में सेवा की । शेष अन्य 8 वर्ष 6 माह मैंने मुख्यालय में परियोजनाओं का सूत्रण और अनुश्रवण में सेवा दी है ।*


*आज की चुनौती को  मेहनत, लगन, समयबद्धता, निष्पक्षता, निर्भयता, कर्मठता से ही सामना कर सरकारी सेवक के रुप में सफल हो सकते हैं ।*


*अब जाते जाते मेरी जो आदत है उसको हम छोड़ नहीं सकते हैं । इसलिए बिभाग के लिए मैं अंतिम सलाह दे रहा हूँ ।*


*कई चीज आपके वश में नहीं है जो वश में है उसे ही नियन्त्रण कर सकते हैं अन्यथा अगर आप दूसरों के आसरे पड़े रहे तब आपको गड्ढा में गिरने से कोई बचा ही नहीं सकता है । प्रत्येक व्यक्ति में कई कई अच्छे गुण होते हैं उन गुणों को हमेशा तराशने की आवश्यकता होती है । छोड़ देने पर औजार तक भोथर हो जाता है ।*


*सर्वप्रथम जिस योजना का DPR तैयार करना है उसका स्वयं स्थल निरीक्षण कर आवश्यकताओं को लिख लें । DPR परामर्शी आपको सहायता करता है । DPR के PROVISION में कमी, गड़बड़ी के लिए आपको ही जवाबदेह माना जायेगा । पथ के आरेखन में UTILITY SHIFTING, पब्लिक या इंडस्ट्रियल भवन के लिये भी पहुँच पथ का PROVISION करें । नाला के OUTFALL पर जरुर ध्यान दें । कभी भी OPEN AREA में कंक्रीट पथ का प्रावधान न करें । CD वर्क का TYPE, SITE और SIZE पर विशेष ध्यान दें । सरकार के न्यूनतम खर्च से नए तकनीक के आधार पर DPR तैयार करें । निर्माण कार्य के समय चौकस रहें । PROVISION के अनुसार निर्माण कार्य करे । अगर तकनीकी फेरबदल की आवश्यकता महसूस हो तो सक्षम पदाधिकारी से स्वीकृति प्राप्त कर लें । ऐसा नहीं कि SURFACE DRESSING के स्थान पर MSS अथवा MSS और SDBC के स्थान पर एक ही लेयर जोड़कर कार्य करा लें ।*


*Ist tier गुणवत्ता जांच और उसकी प्रविष्टि पंजी में करना field Engineer की जवाबदेही है । पथ में प्रयोगशाला और बिना information के साथ citizen board के कार्य प्रारंभ न की जाय । हर लेयर में निर्धारित स्थल जांच कर पंजी में संधारित करें । स्थल पर संवेदक के Engineer की उपस्थिति अनिवार्य है जिसके लिए संबेदक को force करें । Stage passing के साथ कार्य करना है अर्थात यदि नीचे के कार्य  मिट्टी के बाद GSB और WBM III है तो उसे पूरी लम्बाई में करने के बाद ही ऊपर के लेयर का कार्य करे। मिट्टी कार्य और SUBGRADE के कार्य के दौरान PUCCA STRUCTURE का कार्य कर लिए जाएं ।*


*GSB के ग्रेडिंग और SCREENING MATERIAL के साथ THICKNESS के लिए यदि 200MM का प्रबधान हो तो  LOOSE 150 MM का पहला LAYER डालकर COMPACT करें फिर 150 MM का दूसरा LAYER डाल कर COMPACTION करें । 8 PASS ROLLER EDGE से 4-4 बार दोनों तरफ से चलने पर CAMBER बन जायेगा । CAMBER का निर्माण मिट्टी से ही बनाते जाएं अन्यथा ऊपर के लेयर मंहगा होने के कारण THICKNESS में संबेदक चोरी कर सकता है । GEOMETRIC DESIGN पर विशेष सतर्कता बरतें । GSB के SCREENING MATERIAL में DPR के अनुसार COURSE SAND अर्थात ढलाई वाला बालू या स्टोन डस्ट ही दें । यह पथ का FOUNDATION है ।*


*WBM III में जितना प्रॉपर SIZE का पत्थर लाएगा उतना ही ECONOMICAL रोड बनेगा । बड़ा पत्थर में THICKNESS और INTERLOCKING की समस्या होगी साथ ही बड़ा पत्थर विशिष्टि के अनुकूल नहीं है । बिना स्क्रीनिंग MATERIAL के 4 इंच LOOSE 63MM DOWN पत्थर बिछवावें । इसके बाद HAND PACKING कराइये साथ ही साथ THICKNESS की CHECKING के लिए 100 MM का लकड़ी का CUBE आरेखन में यत्र तत्र रख दें । LOOSE पत्थर के समय CUBE डूब जाना चाहिए । अब 8 PASS DRY ROLLING करवाइए। इसके बाद SCREENING MATERIAL टोकरी से छींटवाकर लोहे के BROOM से फैलाइये , VOID भरकर INTERLOCKING हो जाएगा तब जाकर फिर 8 PASS  टैंकर से पानी छीटवाकर WET ROLLING करवाईये । अंत में कम से कम बिटुमिनस कार्य करने के एक सप्ताह पूर्व प्राइम कोट इमल्शन, बिना पानी मिलाए, WBM III के ऊपर दही ऐसा THICK डालें जो कम से कम HALF या 1/3 RD नीचे के परत तक PENETRATE कर दे । एक सप्ताह बाद TACK COAT करने के साथ साथ PROPER GRADE और TEMP के साथ बिटुमिनस कार्य PROPER ROLLING और उचित मात्रा की अलकतरा के साथ कार्य कराएं ।*


*अक्सर ग्रामीण कार्य बिभाग अंतर्गत SHOULDER में कार्य नहीं किये मिलते हैं या बेतरतीव । प्रत्येक लेयर के साथ FLANK का कार्य PROPER COMPACTION के साथ कराएं । RIGID/ FLEXIBLE PAVEMENT में FLANK नहीं होने पर EDGE BISCUIT की तरह टूट जाता है। SHOULDER हर हालत में बनने चाहिए ।*


*एक समस्या रैयती जमीन की है । रैयती अर्थात private land रहने पर भूमि अधिग्रहण अनिवार्य है । इसके दो तरीके हैं । सतत लीज नीति या भू अधिग्रहण । सतत लीज के लिए रैयत धारों की सहमति और जिलाधिकारी की अध्यक्षता में six man committee की स्वीकृति अपेक्षित है । अगर रैयतधारों में से कोई एक भी सहमति न दे तो जिलाधिकारी को भूमि अधिग्रहण का अनुरोध करें । अंत में दोनों बिधि में से किसी एक की पूरी प्रक्रिया समाप्त कर मुआवजे की राशि की मांग की जाए ।*


*दक्षिण बिहार में black cotton soil है जिसमें earth work, cloud breaking, करने के बाद compaction करें । यदि आवश्यक हो तो local sand या water स्प्रिंकल करते हुए परत दर परत मिट्टी का संपीड़न पूरी चौड़ाई में की जाय और sub grade soil का 200mm परत shoulder तक proper compaction के साथ कार्य कराएं अन्यथा पथ बनने के बाद रोड फट जाएगा ।*


*Rigid pavement एक challenging कार्य है । सर्वप्रथम Mix design कराएं साथ ही साथ कार्य स्थल पर सभी आवश्यक उपकरण होने चाहिए उसमें vibrator roller -2 न्यूनतम रहने होंगे 1 plate vibrator, बिना plastisizer के कार्य न कराएं । rigid pavement कार्य के लिए संवेदक से Transit Machine का उपयोग करने के लिए बाध्य करें । बिना Transit machine के quality achieve करना मुश्किल है । M30 के लिए स्वयं स्थल पर SLUMP TEST और प्रतिदिन CUBE TEST करें । दोनों छोर में STEEL SHUTTERING रहना अनिवार्य है । स्टोन मटेरियल का ग्रेडिंग प्रॉपर हो न कि एक ही आकार 5/8 एंड DOWN SIZE पत्थर रहने और WATER CEMENT RATIO कम करने के लिए ADMIXTURE या PLASTISIZER का प्रयोग नहीं करने पर M30 ACHIEVE करना नामुमकिन है । कॉन्ट्रेक्शन JOINT CASTING के 24 घन्टे के बाद अर्थात दूसरे दिन काम शुरु करने से पहले प्रतिदिन ONE THIRD मोटाई में कटिंग निश्चित करें अन्यथा TEMP VARIATION या वाहन के चलने से BISCUIT की तरह पथ टूट जाएगा । यह ऐसा गलती है कि OPEN EYE से भी दिखता है । बिना ROAD SAFTEY या SIGNAGE BOARD (Retroreflective), KILOMETER POST, HECTOMETER POST, Edge Marking with glass बीड्स and proper thickness के पथ uncomplete कहा जायेगा ।*


*दैनिक/ साप्ताहिक/मासिक/वार्षिक प्रगति के लिए प्रमंडल अंतर्गत चल रहे राज्यस्तरीय योजनाओं के लिए MIS पर प्रशासनिक, तकनीकी स्वीकृति से लेकर निविदा, एकरारनामा, भौतिक प्रगति, वित्तीय प्रगति, अंतिम विपत्र भुगतान आदि की प्रविष्टि MIS और PMGSY के लिए OMMS के विभिन्न मॉड्यूल मेंबरुटीन रुप में करिए ।*


*बाह्य या आंतरिक ऋण से संचालित योजनाओं के लिए सूद की राशि का बोझ भी राज्य को वहन करना  पड़ता है । ऐसे में WB, NDB, NABARD की योजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब आपको गम्भीर परिणाम के लिए उत्तरदायी बना सकता है । इसके लिए योजना के चयन से लेकर प्रत्येक गतिविधि में विशेष ध्यान देना चाहिए । किसी जनप्रतिनिधि या व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए एकल सम्पर्कित बसावट के लिए पुनः  दोहरी सम्पर्कता के लिए योजना तैयार न की जाए । सम्भव है कि सरकार द्वारा भविष्य में दोहरी सम्पर्कता की योजना भी चालू की जाय । अतः वर्तमान में एकल सम्पर्कता के सिद्धांत और पुल के लिए लम्बाई और UP STREAM, DOWN STREAM में संरचना के अध्ययन के पश्चात ही योजना बनाई जाय, न कि एक या दो या तीन गांव के लिए 9 करोड़ का HL BRIDGE बन जाए ।*


*वर्तमान में जन प्रतिनिधि एक चुनौती के रुप में खड़ा है जो आपको परेशान कर रहा है । नियमानुसार, निष्पक्षभाव से सभी के साथ सामान नीति ही इसका एकमात्र निदान है । यदि एक काम किसी का कर दिए वह व्यक्ति सर पर चढ़कर बदनाम करेगा । इसलिए सभी जनप्रतिनिधियों के साथ निष्पक्षभाव , निरपेक्ष होकर निर्भीकता के साथ कार्यो का निष्पादन करें । विशेषकर निविदाओं के क्रम में, आपको ईमानदारी से निष्पक्षता के साथ चेकलिस्ट बनाकर भेज देना है । इसमें संलिप्त नहीं होना है , आप सभी को संतुष्ट नहीं कर सकते हैं और निविदा की निष्पक्षता, पारदर्शिता, समयबद्धता, एकरूपता, प्रतिद्वंदिता में भेदभाव उजागर हुआ तो सरकार कठोर निर्णय लेगी और सभी गलती आप के ऊपर मढ दिया जाएगा । कई लोगों में निष्पक्षता और पारदर्शिता का अभाव साफ दिखता है, कई लोग निविदा प्रबन्धन में संलिप्त दिखते हैं कारण जो भी हो, मैं तो अब जा रहा हूँ लेकिन ऐसी आदत बुरी है जिसे आप बदल दें अन्यथा गम्भीर परेशानी का शिकार हो सकते हैं । सरकारी कार्य में प्रतिद्वंदिता को कम करने से राज्य को वित्तीय हानि होती है । इसलिए निविदा में प्राप्त बिड लिफाफा को खोल कर ईमानदारी एवम निष्पक्षता के साथ आंकड़ों को भरकर सक्षम पदाधिकारी के पास भेजें । निविदा निविदा मत खेलें अन्यथा हाथ ही नहीं पूरा शरीर बुरी तरह से जल जा सकता है । इसको मेरी चेतावनी समझें या मेरा अनुभव ।*


*कार्य की गुणवत्ता या वर्क प्रोग्राम के अनुसार समयबद्धता के साथ संवेदक की गड़बड़ी दृष्टीगोचर होने पर एकरारनामा की सुसंगत कंडिकाओं का उल्लेख करते हुए email के माध्यम से एकरारनामा करने से लेकर 5 वर्षीय अनुरक्षण हेतु लिखें । नोटिस देने पर भी संबेदक शिथिलता बरते तब प्रेस नोटिस निर्गत कर एकरारनामा के तहत अनुशासनिक कारवाई करें आवश्यक हो तो एकरारनामा न करे तो सिक्योरिटी जब्ती, शिथिलता बरते तो डिबार या एकरारनामा विखंडन । अपने सिर पर संबेदक के जुर्म को लेकर न घूमिये । यही एकमात्र एक tool है जिससे गुणवत्तापूर्ण समय से कार्य कराया जा सकता है । एकरारनामा के तहत की गई कारिवाई के लिए STATE SBD की स्थिति में SE/CE/ TRIBUNAL को ही अपील किया जा सकता है जबकि PMGSY, MR के CASE में EMPOWERED COMITTEE HEADED BY SECRETARY.*


*प्रत्येक कार्य के लिए SIGHT ORDER BOOK, यदि आवश्यक हो तो REINFORCEMENT REGISTER, गुणवत्ता पंजी 1 एवम 2 अनिवार्य रुप से कार्य प्रारंभ के साथ कार्यपालक अभियंता के हस्ताक्षर से खुलना चाहिए । किसी योजना में किसी स्तर का कोई ATR OMMAS या MIS या सूचना प्राप्त हो तब ईमेल के माध्यम से उसकी सूचना संबेदक को तुरन्त देते हुए एक मास में त्रुटि का निराकरण हेतु हिदायत देते हुए न करने पर सम्बन्धित कंडिका के अनुसार अनुशासनिक कारिवाई हेतु लिखें । पुनः स्मार दें और यदि गुणवत्ता में सुधार न करे तो प्रेस नोटिस कर एकरारनामा बिखण्डन कीजिए । बीमारी का इलाज करें न कि बिभाग के सिर पर दिखने के लिए छोड़ दें ।*


*गुणवत्ता के लिए स्वयं SIEVE ANALYSIS, COMPACTION TEST, BITUMEN CONTENT TEST, COMPRESSIVE STRENGTH TEST स्थल पर ही चेक करें ।*


*पुलों के निर्माण में विशेष सावधानी बरतें । SITE SELECTION में विशेष समय लेकर PROPER LAY OUT करें यदि आवश्यक हो तो SE की उपस्थिति में इस कार्य को करें। REINFORCEMENT की 100% चेकिंग के लिए EE जवाबदेह हैं CONCRETE, WEEP HOLE, FOUNDATION DEPTH के लिए AE JE के साथ साथ EE भी जवाबदेह हैं । सभी प्रकार के संरचनाओं में TATA, VIZAG, SAIL के अलावा दूसरा स्टील प्रयुक्त न की जाय यदि पकड़ा गया तो न्यूनतम निलंबित । CEMENT 43 ग्रेड OPC का ही प्रयोग करें । BATCHING PLANT या TRANSIT MACHINE से ही कंक्रीट की CASTING करें । स्थल पर COMPRESSIVE TESTING MACHINE से लेकर सारे उपकरण मौजुद रहने चाहिए और प्रतिदिन के कंक्रीट का CUBE बनाकर DATE अंकित कर स्थल पर ही VAT में CURING के बाद 7-15-28 दिनों का Compressive STRENGTH TEST कर पंजी में दर्ज करें । प्रत्येक स्टेज में REINFORCEMENT का SPACING और DIA चेक कर REINFORCEMENT पंजी में अंकित करें । PILE KA DEPTH Check और PILE CUTTING में बेंटोनाइट का प्रॉपर प्रयोग आवश्यक है । कम से कम एक मीटर PILE ढलने के बाद ऊपर के हिस्सा को तोड़कर PILE CAP का कार्य करें । WEEP HOLE STAGGERED और PROPER रुप में ABUTMENT और RETURN WALL में होने चाहिए । PILE लोड टेस्ट किया जाना अनिवार्य है । SUPERSTRUCTURE और SUBSTRUCTURE में SHUTTERING,PROP DISTANCE अर्थात CENTRING में कमी दिखने पर ढलाई के समय ही संरचना ढह जाता है । ढलाई के पूर्व सेंटरिंग के SPACING, BRACING और SHUTTERING को अनिवार्य रुप में चेक कर लें ।*


*दोस्तों अब आप कहिएगा कि जाते जाते भी छोड़ नहीं रहा है ।*


*आज मैं जो कुछ भी हूँ अपने अधीनस्थों के अथक परिश्रम  और सचिव महोदयों के दिशा निर्देश के चलते । एक व्यक्ति का किसी संस्थान में कोई महत्व नहीं होता है यह तो मेरे उच्चपदाधिकारियो और मेरे अधीन करनेवाले विभिन्न पदाधिकारी और कर्मचारी गण की मेहनत का परिणाम है कि मैं कुशलता से सेवानिवृत्त हो रहा हूँ । हमसे कई गलतियां हुई होगीं कई लोगों को हमसे दुःख पहुँचा होगा । मैं किसी गलती के कारण किसी व्यक्ति को कभी भी PREJUDICE  नहीं मानकर उसके साथ दुराग्रह नहीं रखा अलबत्ता कई को अनुशासनिक या अनहोनी कारवाई से पहले सचेत जरुर किया है ।*


*आपका अगाध प्यार और स्नेह जो मिला उसको मैं वयान नहीं कर सकता हूँ । मैं जानता हूँ कि आप मुझे एक सख्त पदाधिकारी के रुप में जानते हैं । मुझसे कई को यदि दुःख पहुँचा है तब मैं अपने शरीर के रोम रोम से माफी मांगता हूं लेकिन आपने जो मुझे सम्मान और प्यार दिया है, उसको इस जीवन में लौटाना असम्भव है । आप सभी मेरे ह्रदय में है जिसे भुलाना भी चाहूँ तो भूल ही नहीं सकता हूँ । एक बार पुनः सभी को प्यार भरा नमस्कार*💐💐🙏🙏

Friday, October 1, 2021

साक्षात्कार मेरिट दबाने की तरकीब

 आधुनिक भारत में मेरिट suppress करने का हुनर साक्षात्कार


भारत में जातिवादी पक्षधरता सदियों से एक बड़ी आबादी को शिक्षा एवम अन्य विकास के मानकों से किनारे करते रही है और भारतीय संविधान के बाद थोड़ा बहुत जो हक उपेक्षितों को मिलना शुरू हुआ उस को खत्म करने के लिए भांति-भांति के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। सरकारी सेवा में बहाली पर लिखित परीक्षा के बाद साक्षात्कार का होना वंचित रखने का बेजोड़ हथकंडा है। 2021 के केंद्रीय लोकसेवा आयोग के टॉप 10 अभ्यर्थियों के लिखित और साक्षात्कार पर नजरें इनायत कर लें। दूध का दूध और पानी का पानी अलग दिख जाएगा ।नम्बर 1 पर जो शुभम कुमार हैं, ओबीसी वर्ग के हैं। उन्हें लिखित परीक्षा में 878 अंक मिले मगर साक्षात्कार में मात्र 176 दिए गए। वहीं नम्बर 2 पर जागृति अवस्थी को लिखित परीक्षा में 859 अंक मिले जबकि साक्षात्कार में 193। अंकित जैन को लिखित परीक्षा में 839 और साक्षात्कार में 212 अंक की कृपा हुई मगर 5 नम्बर पर ममता यादव को लिखित परीक्षा में 855  अंक तो मिले मगर साक्षात्कार में 187 दे दिया गया। यह है साक्षात्कार का खेल। इस देश में साक्षत्कार खुलेआम बेईमानी करने का अड्डा है । ऐसे में किसी भी चयन में मात्र लिखित परीक्षा होनी चाहिए और अभ्यर्थियों के नाम के बजाय, कोड नम्बर लिखा जाना चाहिए। साक्षात्कार मतलब भाई-भतीजावाद। अपनों का चयन। न्याय की हत्या।