सिख धर्म के सभी अनुयायी निर्धन/आर्थिक विपन्न/ असहाय /भूखे को एक समान मानकर जाति/धर्म/गोत्र/सम्प्रदाय को भूलकर एक साथ एक पंगत में एक साथ भूखों को निवाला के रुप में प्रतिदिन लंगर देने की प्रथा अर्थात खाना खिलाने की प्रथा है जिसमें अमीर भी प्रसाद के रुप में उसी पंगत में सामान रुप में सम्मिलित होता है ।
यदि हिन्दू के सभी मंदिरों/ मठों और मुसलमानों के सभी मस्जिदों या धार्मिक संस्थानों में सिख धर्म के उसूल की तरह सभी जरुरतमंद भूखों को धर्म/जाति/ सम्प्रदाय बिना पूछे खाना अर्थात निवाला दिए जाने की प्रथा प्रारम्भ कर दी जाय तब भारत मे कुपोषण/ भूख की समस्या से होनेवाली मौतों/ बीमारियों पर एक ही दिन में निजात पा लिया जाएगा ।
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