Tuesday, October 11, 2016


विजयादशमी मर्यादा पुरुषोत्तम की रामलीला पर राजनीति

मैं  IIM अहमदाबाद से प्रबन्धन की प्रशिक्षण में यह तय कर लिया था कि राजनीति की कटु विवेचना नहीं करूँगा, परन्तु आज विजयादशमी के शुभ अवसर पर जो राजनीति हो रही है वह हम भरत वंशी को पुनः समसामयिक विवेचना करने को मजबूर कर दिया है या यूँ कह सकते हैं कि मैं अपनी मनः स्थिति को बदल नहीं सका अर्थार्त कुत्ता का दुम । यही मुहावरा अन्य राजनीतिज्ञ  के सन्दर्भ में भी 100 % चरितार्थ होता है ।

विजयादशमी के तथाकथित उत्तराधिकारी और भारत के सम्राट द्वारा राजनीति की कुत्सित चौसर

1)  क्या रावण की लँका की राजधनी लखनऊ में थी ?
2)  क्या रावण का आधिपत्य लखनऊ तक थी ?
3)  क्या आधुनिक भरतवंशी के रावण उत्तरप्रदेश के लखनऊ में विराजमान हैं ?
4) क्या भारत की राजधानी रावण मुक्त हो गयी?
5)  क्या नई दिल्ली में रामराज्य स्थापित हो गयी ?
6) क्या भारत जैसे विविधता वाले देश में राजनीति को ध्यान में रखकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के विजयी दिवस को घृणित करना चाहिए जिसमें आने वाले चुनाव तक दशहरा पर्व के बारे में भी सम्मान न बरती जाय ?
7) क्या अपने आप को रामभक्त की विरासत से जोड़नेवाली दल के इस कुत्सित राजनीति से मर्यादा पुरुषोत्तम राम की विरासत को अंध कुँए में धक्का देना नहीं कही जाएगी ?
8) क्या रावण वध या रामलीला के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री को दिल्ली के वजाय लखनऊ शिरकत करना देशभक्ति या मानवता का पाठ या साहिष्णुन्ता ....या राजधर्म या आर्थिक रूप से नयी नीति की नयी गाथा माना जायेगा ?
9) क्या प्रधानमंत्री की इस यात्रा से उत्तरप्रदेश की जनता को राम के वंशज वाले राज्य में अपमानित करना उनकी अस्मिता से खिलवाड़ नहीं है ?
10) प्रधानमंत्री या उनके रणनीतिकार को आने वाले चुनाव के मद्देनजर किस नयी राजनीति की परिभाषा की ऊपज करेगें यह तो आज हीं परिलक्षित हो रहा है जो सर्वथा बिहार चुनाव जैसे परिणाम की बुनियाद न डाल दे?

हवन , हवन के अवयव और हवन के प्रभाव/ गुण

(1) वेबसाइट रिपोर्ट के अनुसार फ़्रांस के ट्रेले नामक वैज्ञानिक ने हवन पर रिसर्च की। जिसमे उन्हें पता चला की हवन मुख्यतः आम की लकड़ी पर किया जाता है। जब आम की लकड़ी जलती है तो फ़ॉर्मिक एल्डिहाइड नमक गैस उत्पन्न होती है जो की खतरनाक बैक्टीरिया और जीवाणुओ को मरती है तथा वातावरण को शुद्द करती है। इस रिसर्च के बाद ही वैज्ञानिकों को इस गैस और इसे बनाने का तरीका पता चला। गुड़ को जलने पर भी ये गैस उत्पन्न होती है।

(२) टौटीक नामक वैज्ञानिक ने हवन पर की गयी अपनी रिसर्च में ये पाया की यदि आधे घंटे हवन में बैठा जाये अथवा हवन के धुएं से शरीर का सम्पर्क हो तो टाइफाइड जैसे खतरनाक रोग फ़ैलाने वाले जीवाणु भी मर जाते हैं और शरीर शुद्ध हो जाता है।

(३) हवन की महत्ता देखते हुए राष्ट्रीय वनस्पति अनुसन्धान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिकों ने भी इस पर एक रिसर्च करी की क्या वाकई हवन से वातावरण शुद्द होता है और जीवाणु नाश होता है अथवा नही. उन्होंने ग्रंथो. में वर्णित हवन सामग्री जुटाई और जलने पर पाया की ये विषाणु नाश करती है। फिर उन्होंने विभिन्न प्रकार के धुएं पर भी काम किया और देखा की सिर्फ आम की लकड़ी १ किलो जलने से हवा में मौजूद विषाणु बहुत कम नहीं हुए पर जैसे ही उसके ऊपर आधा किलो हवन सामग्री डाल कर जलायी गयी एक घंटे के भीतर ही कक्ष में मौजूद बॅक्टेरिया का स्तर ९४ % कम हो गया। यही नही. उन्होंने आगे भी कक्ष की हवा में मौजुद जीवाणुओ का परीक्षण किया और पाया की कक्ष के दरवाज़े खोले जाने और सारा धुआं निकल जाने के २४ घंटे बाद भी जीवाणुओ का स्तर सामान्य से ९६ प्रतिशत कम था। बार बार परीक्षण करने पर ज्ञात हुआ की इस एक बार के धुएं का असर एक माह तक रहा और उस कक्ष की वायु में विषाणु स्तर 30 दिन बाद भी सामान्य से बहुत कम था।

यह रिपोर्ट एथ्नोफार्माकोलोजी के शोध पत्र (resarch journal of Ethnopharmacology 2007) में भी दिसंबर २००७ में छप चुकी है। रिपोर्ट में लिखा गया की हवन के द्वारा न सिर्फ मनुष्य बल्कि वनस्पतियों फसलों को नुकसान पहुचाने वाले बैक्टीरिया का नाश होता है। जिससे फसलों में रासायनिक खाद का प्रयोग कम हो सकता है।
क्या हो हवन की समिधा (जलने वाली लकड़ी):-

समिधा के रूप में आम की लकड़ी सर्वमान्य है परन्तु अन्य समिधाएँ भी विभिन्न कार्यों हेतु प्रयुक्त होती हैं।

सूर्य की समिधा मदार की, चन्द्रमा की पलाश की, मङ्गल की खैर की, बुध की चिड़चिडा की, बृहस्पति की पीपल की, शुक्र की गूलर की, शनि की शमी की, राहु दूर्वा की और केतु की कुशा की समिधा कही गई है।

मदार की समिधा रोग को नाश करती है, पलाश की सब कार्य सिद्ध करने वाली, पीपल की प्रजा (सन्तति) काम कराने वाली, गूलर की स्वर्ग देने वाली, शमी की पाप नाश करने वाली, दूर्वा की दीर्घायु देने वाली और कुशा की समिधा सभी मनोरथ को सिद्ध करने वाली होती है।

हव्य (आहुति देने योग्य द्रव्यों) के प्रकार
प्रत्येक ऋतु में आकाश में भिन्न-भिन्न प्रकार के वायुमण्डल रहते हैं। सर्दी, गर्मी, नमी, वायु का भारीपन, हलकापन, धूल, धुँआ, बर्फ आदि का भरा होना। विभिन्न प्रकार के कीटणुओं की उत्पत्ति, वृद्धि एवं समाप्ति का क्रम चलता रहता है। इसलिए कई बार वायुमण्डल स्वास्थ्यकर होता है। कई बार अस्वास्थ्यकर हो जाता है। इस प्रकार की विकृतियों को दूर करने और अनुकूल वातावरण उत्पन्न करने के लिए हवन में ऐसी औषधियाँ प्रयुक्त की जाती हैं, जो इस उद्देश्य को भली प्रकार पूरा कर सकती हैं।

होम द्रव्य
------------ होम-द्रव्य अथवा हवन सामग्री वह जल सकने वाला पदार्थ है जिसे यज्ञ (हवन/होम) की अग्नि में मन्त्रों के साथ डाला जाता है।

(१) सुगन्धित : केशर, अगर, तगर, चन्दन, इलायची, जायफल, जावित्री छड़ीला कपूर कचरी बालछड़ पानड़ीआदि

(२) पुष्टिकारक : घृत, गुग्गुल ,सूखे फल, जौ, तिल, चावल शहद नारियल आदि

(३) मिष्ट - शक्कर, छूहारा, दाख आदि

(४) रोग नाशक -गिलोय, जायफल, सोमवल्ली ब्राह्मी तुलसी अगर तगर तिल इंद्रा जव आमला मालकांगनी हरताल तेजपत्र प्रियंगु केसर सफ़ेद चन्दन जटामांसी आदि

उपरोक्त चारों प्रकार की वस्तुएँ हवन में प्रयोग होनी चाहिए। अन्नों के हवन से मेघ-मालाएँ अधिक अन्न उपजाने वाली वर्षा करती हैं। सुगन्धित द्रव्यों से विचारों शुद्ध होते हैं, मिष्ट पदार्थ स्वास्थ्य को पुष्ट एवं शरीर को आरोग्य प्रदान करते हैं, इसलिए चारों प्रकार के पदार्थों को समान महत्व दिया जाना चाहिए। यदि अन्य वस्तुएँ उपलब्ध न हों, तो जो मिले उसी से अथवा केवल तिल, जौ, चावल से भी काम चल सकता है।


सामान्य हवन सामग्री
--------------------------- तिल, जौं, सफेद चन्दन का चूरा , अगर , तगर , गुग्गुल, जायफल, दालचीनी, तालीसपत्र , पानड़ी , लौंग , बड़ी इलायची , गोला , छुहारे नागर मौथा , इन्द्र जौ , कपूर कचरी , आँवला ,गिलोय, जायफल, ब्राह्मी आदि।

हरि ॐ।। जयश्रीमन्नारायण ।।

Thursday, September 8, 2016

IMPORTANT ABBREVIATIONS AND INFORMATIONS

B. A. — Bachelor of Arts

M. A. — Master of Arts

B. Sc. — Bachelor of Science

M. Sc. — Master of Science

B. Sc. Ag. — Bachelor of Science in
Agriculture

M. Sc. Ag. — Master of Science in Agriculture

M. B. B. S. — Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery

M. D. — Doctor of Medicine

M. S. — Master of Surgery

Ph. D. / D. Phil. — Doctor of Philosophy (Arts & Science)

D. Litt./Lit. — Doctor of Literature / Doctor of Letters

D. Sc. — Doctor of Science

B. Com. — Bachelor of Commerce

M. Com. — Master of Commerce

Dr. — Doctor

B. P. — Blood Pressure

Mr. — Mister

Mrs. — Mistress

M.S. — miss (used for female married & unmarried)

Miss — used before unmarried girls)

M. P. — Member of Parliament

M. L. A. — Member of Legislative Assembly

M. L. C. — Member of Legislative Council

P. M. — Prime Minister

C. M. — Chief Minister

C-in-C — Commander-In-Chief

L. D. C. — Lower Division Clerk

U. D. C. — Upper Division Clerk

Lt. Gov. — Lieutenant Governor

D. M. — District Magistrate

V. I. P. — Very Important Person

I. T. O. — Income Tax Officer

C. I. D. — Criminal Investigation Department

C/o — Care of

S/o — Son of

C. B. I. — Central Bureau of Investigation

G. P. O. — General Post Office

H. Q. — Head Quarters

E. O. E. — Errors and Omissions Excepted

Kg. — Kilogram

Kw. — Kilowatts

👉Gm. — Gram

👉Km. — Kilometer

👉Ltd. — Limited

👉M. P. H. — Miles Per Hour

👉KM. P. H. — Kilometre Per Hour

👉P. T. O. — Please Turn Over

👉P. W. D. — Public Works Department

👉C. P. W. D. — Central Public Works Department

👉U. S. A. — United States of America

👉U. K. — United Kingdom (England)

👉U. P. — Uttar Pradesh

👉M. P. — Madhya Pradesh

👉H. P. — Himachal Pradesh

👉U. N. O. — United Nations Organization

👉W. H. O. — World Health Organization

👉B. B. C. — British Broadcasting Corporation

👉B. C. — Before Christ

👉A. C. — Air Conditioned

👉I. G. — Inspector General (of Police)

👉D. I. G. — Deputy Inspector General (of Police)

👉S. S. P. — Senior Superintendent of Police

👉D. S. P. — Deputy Superintendent of Police

👉S. D. M. — Sub-Divisional Magistrate

👉S. M. — Station Master

👉A. S. M. — Assistant Station Master

👉V. C. — Vice-Chancellor

👉A. G. — Accountant General

👉C. R. — Confidential Report

👉I. A. S. — Indian Administrative Service

👉I. P. S. — Indian Police Service

👉I. F. S. — Indian Foreign Service or Indian
Forest Service

I. R. S. — Indian Revenue Service

👉P. C. S. — Provincial Civil Service

👉M. E. S. — Military Engineering Service

Full Form Of Some technical Words
VIRUS - Vital Information Resource
UnderSeized.
3G -3rd Generation.
GSM - Global System for Mobile
Communication.
CDMA - Code Divison Multiple
Access.
UMTS - Universal MobileTelecommunication
System.
SIM - Subscriber Identity Module .
AVI = Audio Video Interleave
RTS = Real Time Streaming
SIS = Symbian
OS Installer File
AMR = Adaptive Multi-Rate Codec
JAD = Java Application Descriptor
JAR = Java Archive
JAD = Java Application Descriptor
3GPP = 3rd Generation Partnership Project
3GP = 3rd Generation Project
MP3 = MPEG player lll
MP4 = MPEG-4 video file
AAC = Advanced Audio Coding
GIF= Graphic InterchangeableFormat
JPEG = Joint Photographic Expert Group
JPEG = Joint Photographic Expert Group
BMP = Bitmap
SWF = Shock Wave Flash
WMV = Windows Media Video
WMA = Windows Media Audio
WAV = Waveform Audio
PNG = Portable Network Graphics
DOC =Document (MicrosoftCorporation)
PDF = Portable Document Format
M3G = Mobile 3D Graphics
M4A = MPEG-4 Audio File
NTH = Nokia Theme (series 40)
THM = Themes (Sony Ericsson)
MMF =
Synthetic Music Mobile Application File
NRT = Nokia Ringtone
XMF = Extensible Music File
WBMP = Wireless Bitmap Image
DVX = DivX Video
HTML = Hyper Text Markup Language
WML =
Wireless Markup Language
CD -Compact Disk.
☀ DVD - Digital Versatile Disk.
☀ CRT - Cathode Ray Tube.
☀ DAT - Digital Audio Tape.
☀ DOS - Disk Operating System.
☀ GUI -Graphical
User Interface.
☀ HTTP - Hyper Text Transfer Protocol.
☀ IP - Internet Protocol.
☀ ISP - Internet Service Provider.
☀ TCP - Transmission Control Protocol.
☀ UPS - UninterruptiblePower Supply.
☀ HSDPA -High Speed Downlink PacketAccess.
☀ EDGE - Enhanced Data Rate for
☀ GSM- [GlobalSystem for Mobile
Communication]
Evolution.
☀ VHF - Very High Frequency.
☀ UHF - Ultra High Frequency.
☀ GPRS - General
PacketRadio Service.
☀ WAP - Wireless ApplicationProtocol.
☀ TCP - Transmission ControlProtocol.
☀ ARPANET - Advanced Research Project
Agency Network.
☀ IBM - International Business Machines.
☀ HP - Hewlett Packard.
☀ AM/FM - Amplitude/ Frequency Modulation: WhatsApp ke itihaas me pahli baar....kaam ka msg.........
Here are Toll Free numbers in
India .....very very useful...!!!!

Airlines
Indian Airlines - 1800 180 1407
Jet Airways - 1800 225 522
Spice Jet - 1800 180 3333
Air India - 1800 227 722
Kingfisher -1800 180 0101

Banks
ABN AMRO - 1800 112 224
Canara Bank - 1800 446 000
Citibank - 1800 442 265
Corporation Bank - 1800 443 555
Development Credit Bank - 1800
225 769
HDFC Bank - 1800 227 227
ICICI Bank - 1800 333 499
ICICI Bank NRI -1800 224 848
IDBI Bank -1800 116 999
Indian Bank -1800 425 1400
ING Vysya -1800 449 900
Kotak Mahindra Bank - 1800 226
022
Lord Krishna Bank -1800 112 300
Punjab National Bank - 1800 122
222
State Bank of India - 1800 441 955
Syndicate Bank - 1800 446 655

Automobiles
Mahindra Scorpio -1800 226 006
Maruti -1800 111 515
Tata Motors - 1800 255 52
Windshield Experts - 1800 113 636

Computers / IT
Adrenalin - 1800 444 445
AMD -1800 425 6664
Apple Computers-1800 444 683
Canon -1800 333 366
Cisco Systems- 1800 221 777
Compaq - HP -1800 444 999
Data One Broadband - 1800 424
1800
Dell -1800 444 026
Epson - 1800 44 0011
eSys - 3970 0011
Genesis Tally Academy - 1800 444
888
HCL - 1800 180 8080
IBM - 1800 443 333
Lexmark - 1800 22 4477
Marshal's Point -1800 33 4488
Microsoft - 1800 111 100
Microsoft Virus Update - 1901 333
334
Seagate - 1800 180 1104
Symantec - 1800 44 5533
TVS Electronics-1800 444 566
WeP Peripherals-1800 44 6446
Wipro - 1800 333 312
Xerox - 1800 180 1225
Zenith - 1800 222 004

Indian Railways
General Enquiry 139
Central Enquiry 131
Reservation 139
Railway Reservation Enquiry 1345,
1335, 1330
Centralised Railway Enquiry 133, 1,
2, 4, 5, 6, 7, 8 & 9
Couriers / Packers &

Movers
ABT Courier - 1800 448 585
AFL Wizz - 1800 229 696
Agarwal Packers & Movers - 1800
114 321
Associated Packers P Ltd - 1800 214
560
DHL - 1800 111 345
FedEx - 1800 226 161
Goel Packers & Movers - 1800 11
3456
UPS - 1800 227 171

Home Appliances
Aiwa/Sony - 1800 111 188
Anchor Switches - 1800 227 7979
Blue Star - 1800 222 200
Bose Audio - 112 673
Bru Coffee Vending Machines - 1800
4 7171
Daikin Air Conditioners - 1800 444
222
DishTV - 1800 123 474
Faber Chimneys - 1800 214 595
Godrej - 1800 225 511
Grundfos Pumps - 1800 334 555
LG - 1901 180 9999
Philips - 1800 224 422
Samsung - 1800 113 444
Sanyo - 1800 110 101
Voltas - 1800 334 546
WorldSpace Satellite Radio - 1800
445 432

Investments / Finance
CAMS - 1800 442 267
Chola Mutual Fund - 1800 222 300
Easy IPO's - 3030 5757
Fidelity Investments - 1800 180
8000
Franklin Templeton Fund - 1800 425
4255
J M Morgan Stanley - 1800 220 004
Kotak Mutual Fund - 1800 222 626
LIC Housing Finance - 1800 440 005
SBI Mutual Fund - 1800 223 040
Sharekhan - 1800 227 500
Tata Mutual Fund - 1800 220 101

Leisure Travels
Club Mahindra Holidays - 1800 334
539
Cox & Kings - 1800 221 235
God TV Tours - 1800 442 777
Kerala Tourism - 1800 444 747
Kumarakom Lake Resort - 1800 445
030
Darjeeling tours -09733306673
Raj Travels & Tours - 1800 229 900y
Sita Tours - 1800 111 911
SOTC Tours - 1800 223 344

Healthcare
Best on Health - 1800 11 8899
Dr Batras - 1800 11 6767
GlaxoSmithKline - 1800 22 8797
Johnson & Johnson - 1800 22 8111
Kaya Skin Clinic - 1800 22 5292
LifeCell - 1800 44 5323
Manmar Technologies - 1800 33
4420
Pfizer - 1800 442 442
Roche Accu-Chek - 1800 11 45 46
Rudraksha - 1800 21 4708

Insurance
AMP Sanmar - 1800 44 2200
Aviva - 1800 33 2244
Bajaj Allianz - 1800 22 5858
Chola MS General Insurance - 1800
44 5544
ICICI LOMBARD- 18002666

all dth dish no.
airtel- 18001028080
(airtel user- 12150)
tatasky- 18001806633,
reliance- 18002009001,
d2h -18001370111,
dishtv- 18001801...

Saturday, August 27, 2016

MAN MADE CREATION FLOOD IN BIHAR

Man Made crated flood in Bihar

Bihar is suffering devastating floods – and they’re completely man-made
by Shoaib Daniyal
Published Yesterday · 09:00 am.   Updated Yesterday · 11:40 am.
The damming of the river Ganga and its tributaries has upset the entire drainage system of eastern India.
Bihar is suffering devastating floods – and they’re completely man-made
Ram Avdesh Singh, the sarpanch of the Nakta Diyara panchayat near Patna, was a worried man as he co-ordinated a meal of khichdi and chokha for the residents of his village. The settlement is now under chest-deep water and all its residents are housed in a temporary camp on the banks of a swollen Ganga.

“We are used to floods. Even our kids aren’t scared of the water,” said Singh. “But this was massive. I’ve never seen a flood this big since 1975. And that too suddenly – it didn’t even rain.”

Man versus nature
This unusual flooding in Bihar has been caused by a spate in the Gangetic river system. The Ganga as well as its tributaries such as the Sone, Burhi Gandak, Ghaghra and the Kosi are flowing well above normal levels. In Patna, the Ganga set a new record on Sunday, with water rising to 50.52 meters at Gandhi Ghat on the city's outskirts.

Twelve districts are now flooded severely, with more than 60 lakh Biharis affected. A total of 127 people have died since the floods began. Even for a state used to floods, this is the worst such tragedy in a generation.

Given the scale of the inundation, it is odd to note that between June 1 and August 17, India received only an average quota of rainfall. Bihar, in fact, got 14% less precipitation than is normal during this period. This time, at least, natural events cannot be blamed for the flooding. Instead, India’s poor water management policy seems to be at fault. The country’s dependence on large dams, built without environmental checks and balances has upset the Gangetic water system enough to have caused this widespread, unusual flooding.

Dam nation
The river Sone flows through Madhya Pradesh before it enters Bihar. There, around 50 km south of Rewa town, the Bansagara Dam has been constructed on the Sone river. As is becoming increasingly clear now, the dam, which was opened in 2006, had a major role to play in causing these floods.

Unlike Bihar, central India received excessive rainfall during the current monsoon. Eastern Madhya Pradesh, in which the Bansagar Dam is located, received 30% more rain that is normal.

As a result of this rain, the dam’s reservoir were close to its maximum for the first half of August. With more rains expected at the end of the month, the dam should have released this water slowly in order to make room for more.

The authorities did release the water, but at one go. The Times of India reported that when it was running at 95% capacity, the dam opened 16 of its 18 gates on August 19. This excess water flooded the Sone, which in turn emptied itself out into the Ganga, causing the massive flooding from which Bihar is now suffering

Siltation problem
While the Bansagar dam the short-term cause, the real reason for these floods is a long term one: silting of the Ganges river and its tributaries. Bihar Chief Minister Nitish Kumar met Prime Minister Modi on August 23 and requested that he put in place a national silt management policy. The collection of silt had decreased the capacity of the Ganga, increasing chances of flooding.

Kumar was also clear on what had caused this increase in silt: the Farakka Barrage, situated on the West Bengal-Bangladesh border.

As the Ganga enters the Bengal region, it continues into Bangladesh as the river Padma. However, a major distributary of the Ganga splits off and continues into West Bengal and is called the Bhagirathi in its upper reaches and the Hooghly as it reaches the Bay of Bengal. Kolkata city lies on the mouth of the Hooghly and the city’s port is a major centre of trade.

Farakka Barrage construction
By the 1960s, siltation was threatening the Kolkata port, the process in itself driven by another dam, the Damodar dam, which had made the water reaching Kolkata sluggish. As a solution, the Farakka Barrage was commissioned in 1975. The Barrage would divert the waters of the Ganga away from the Padma – its natural channel – and into the Hooghly in order to flush away sediment and resuscitate the Kolkata port.

However, no environmental assessment was done for the project and its effect on the massive Ganges basin was not studied. The few voices that spoke against the dam were ignored. Notable among them was Kapil Bhattacharya, the engineer-in-chief of West Bengal, who had predicted the siltation upstream the dam would cause – and the floods that would take place as a result.

After it was built, not only did the barrage cause massive siltation across the Ganges system, bank erosion in West Bengal and decrease of water in Bangladesh’s Padma, its main aim – to desilt the Kolkata Port – was never achieved. A report by the South Asia Network on Dams, Rivers and People points out that the Kolkata Port Trust needs to manually remove silt from the port every year to keep it running. So expensive is this desilation that in December 2015, the Chief Economic Advisor to the Union government Arvind Subramanian advised the West Bengal government to shut down the port. It would be more economically efficient to utilise the port’s vast land area for other activities, argued Subramanian.

Even as India struggles with the damage done by the poorly conceptualised Farakka Barrage, exports point out that it should also keep this lesson in mind when its policy makers think up water management schemes such as interlinking rivers across India.

We welcome your comments at letters@scroll.in.
Bihar FloodsFarakka BarrageNitish Kumar

Saturday, July 23, 2016

साईन्स कॉलेज पटना का अतीत

कहाँ से शुरू करूँ और कहाँ पर अंत ..। मन दुविधा में है । मेरी इस सुनहरी यात्रा के अनेक संस्मरण आज मॉर्निंग वॉक पर नहीं जाने के क्रम में मन मष्तिष्क में ज्वार की तरह हिलोरें मारने लगा है जिसके कारण मैं मुखातिब हो रहा हूँ । इस यात्रा की शुरुआत महान् फिल्मकार की जीवनभर की अनमोल गुरुदत्त की कागज़ के फूल फिल्म की दो पंक्ति के साथ शुरु कर रहा हूँ...
देखी इस ज़माने की यारी,
 बिछड़े सभी बारी बारी।
..........
मैंने मैट्रिक में कभी नहीं सोंचा था कि I Sc में मेरा दाखिला पटना साईन्स कॉलेज में होगा परन्तु मैंने पार्वती देवी उच्च विद्यालय , जमालपुर का इतिहास रचकर 1978 में 764/900 प्राप्तांक लाकर इस दौड़ में शामिल हो गया । शुरु में छात्रावास विलम्ब से मिलने के कारण मुसल्लहपुर, पटना के एक लॉज में श्रवण कुमार के साथ दो बेड रुम के लॉज में एक महीना समय व्यतीत किया ।
साईन्स कॉलेज में प्राप्तांक के अनुसार मुझे दो बेड का कैवेंडिश में कमरा आवंटित हुआ । मैं साईन्स कॉलेज में दाखिला और कैवेंडिश में कमरा मिलने से रोमांचित था ।कागज़ के पन्ने में मैं इस रोमांच का वर्णन करने में असमर्थ हूँ । अब शुरु हुआ मेरा छात्रावास में रहकर माता पिता की छत्र छाया से अलग रहकर जीवन की प्रथम विरह मिश्रित आजाद ख्याल के साथ आनंदित यात्रा की शुरुआत ।
यहाँ अरुण प्रसाद और संजय कुमार झा नेतरहाट से आये थे, अर्चना भागलपुर से जी डी एस में रहती थी, शकील अख्तर लहेरियासराय, प्रवीण कुमार बेगूसराय, अनूप कुमार और श्री निवास,बेतिया,गोपाल कुमार अग्रवाल बरौनी, विनय कुमार मिश्रा , अशोक कुमार सिंह, तपेश्वर दयाल और भीम सिंह जिला हाई स्कूल हजारीबाग, रामेश्वर यादव, बिनय कुमार ठाकुर, अमर नाथ ठाकुर, पवन विदेह युग्म भाई और संजय झा मधुबनी, दो जुड़वाँ भाई छपरा से आये थे । भीम सिंह फैराडे में रहते थे । कुछ दोस्तों का नाम 36 साल बीतने के बाद संस्मरण में नहीं है जिसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूँ ।
मेरा अधिकांश समय बिनय कुमार मिश्रा, रामेश्वर यादव, अनूप कुमार, अशोक कुमार सिंह, तपेश्वर दयाल, प्रवीण, संजय झा मधुबनी, भीम सिंह..आदि दोस्तों के साथ व्यतीत होता था ।
बिनय कुमार मिश्रा के साथ मेरी दोस्ती एक जान दो दिल के तरह की व्याख्या वाली मित्रता थी । मुझको विनय कुमार मिश्रा जी के साथ मित्रता गाढ़ी होने के कई वजह थे । हम दोनों को गायन में खासी अभिरुचि थी । विचारों में  मेल के साथ साथ हम दोनों पुरानी 50 के दशक की फिल्मों के शौक़ीन थे साथ साथ हम दोनों को वर्तमान काल खंड में अमिताभ वच्चन की फिल्मों से अधिक अभिरुचि धर्मेंद्र की फिल्म में था पर प्रथम च्वाईस पुरानी ब्लैक एंड वाइट फिल्म ही थी । उस ज़माने में मॉर्निंग और नून शो में हरेक सिनेमा हॉल में पुरानी फिल्म लगती थी साथ हीं साथ अवकाश के दिनों में पटना कॉलेज और रमना रोड आदि स्थानों पर रात में पुरानी फिल्म प्रोजेक्टर से दिखाया जाता था । फिल्मों देखने के सफर को कहाँ से शुरु करूँ समझ में नहीं आता है परंतु उस काल में हम दोनों प्रत्येक फिल्म की विवेचना इस रूप में करते थे कि कितना फिल्म में गाना है और कौन कौन गायक है, फ़िल्मकार, निर्देशक, हीरो, हीरोइन, म्यूजिक डायरेक्ट, गीतकार इन सबके प्रत्येक छुए अनछुए गतिविधि की सप्रसंग व्याख्या करते थे । खैर गायन के क्षेत्र में बिना म्यूजिक सीखे अलाप और मिठास के साथ हूबहू मुहम्मद रफ़ी, बड़े गुलाम अली, मन्ना डे, मुकेश, तलत महमूद, एस डी वर्मन, किशोर कुमार...के गानों को बिनय कुमार मिश्रा से अच्छा गाते मैंने किसी को नहीं सुना हूँ । मैं उस समय में लाता मंगेशकर, रफ़ी,  मुकेश की गानों को गाया करता था पर मेरा पसंदीदा क्षेत्र लता मंगेशकर जी का गाना था ।

आज भी याद है हमलोगों से दो साल सिनीयर अजय जी वरसात के समय में गंगा तैरने गए थे और पुनः वापस नहीं लौटे । अजय जी माता पिता के इकलौता पुत्र थे और गत रविवार को हॉस्टल में मुकेश के " हम छोड़ चले इस महफ़िल को याद आये कभी तो मत रोना.." गाना की गायन के बाद हमेशा के लिए काल के गाल ने निगल लिया । आज भी उनकी स्मृति यादकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं ।

गंगा कृष्णा घाट का सैर, यूनिवर्सिटी पुस्तकालय में पढ़ने, रमना रोड की चाय की चुश्की, पटना कॉलेज का जलेवा ...अंतःकरण को मरोड़ते रहता है । एक बार की बात है कि मेरे पिताजी मुझसे मिलने आये उस वक्त मैं वॉली वाल खेल रहा था। पिताजी उल्टे पाँव घर लौटकर मेरी माँ को पढ़ाई के स्थान पर खेल में अभिरुचि कहकर अब तक हमेशा उलाहना देते रहते हैं । विनय कुमार मिश्रा के पिताजी जब पुत्र से मिलने आये तब हम दोनों धर्मेंद्र की दो चोर फिल्म देखने के लिए हॉस्टल से बाहर थे ।

हमलोगों का शौक भी अजीब था गर्मी के दिनों में रामेश्वर भाई, अनूप, विनय कुमार मिश्रा, तपेश्वर दयाल प्रत्येक दिन शाम में दो दो घंटे कृष्णा घाट के पास गंगा स्नान और तैरने में समय व्यतीत करते थे ।आलम तो यह था कि मैं तैरना नहीं जानता था और यहीं तैराकी सीखकर गंगा नदी को तीन बार इस पार से उस पार गया हूँ । खैर जिंदगी सलामत है । तैरने में महारत रामेश्वर यादव को थी और वह मेरे तैराकी गुरु भी ।
रामकृष्ण मिशन के विचारों से ओत प्रोत होकर, परमहंशजी, माँ शारदा और विवेकानंद के जन्म दिन के अवसर के अलावे कई और दिनों में नाला रोड़ अवस्थित आश्रम में जाकर ध्यान, योग, सेवा में कई बार सम्मिलित हुआ था । रामेश्वर जी उर्फ़ महात्मा का इसमें अभिरुचि और तल्लीनता देखकर हमलोग हतप्रभ रहते थे ।

इन संस्मरणों को पूर्ण विस्तारित बखान से उपन्यास भी छोटा पड़ जाएगा। मैं देवदास की तरह D सेक्शन की एक लड़की को रोज चोरी चोरी, चुपके चुपके, छुपकर देखने जाया करता था । बाद में डॉक्टर बनकर पारिवारिक जीवन में व्यस्त है ।मैं उसका नाम बताने में चोरी कर रहा हूँ । लेकिन यह प्यार मूक बधिर फिल्म की तरह था ।
बातें तो बहुत करनी थी लेकिन आज के लिए इतना ही काफी है ।

Sunday, June 12, 2016

कटिहार एक संस्मरण


कटिहार की 5 जून 2013 से अब तक की यादें 

कटिहार बिहार के सीमांचल भूभाग में  प्राकृतिक की गोद में चारों तरफ से गंगा, कोशी, महानंदा एवं हिमालय से निसृत अनेक छोटी छोटी धारों से घिरा अनेक धाराओं से घिरा एवं प्राकृतिक वृक्षों से आच्छादित मनोरम उर्वरा धरती अनेकता में एकता का बहु सांप्रदायिक , बहु भाषी खूबसूरत जिला है ।

मेरी पदस्थापन के पूर्व मैं दूरी के हिसाब से पटना से अधिक रहने के कारण थोडा विचलित था परन्तु रेल मार्ग पर अवस्थित होने के कारण थोड़ी दिलचस्पी बढ़ गयी ।

यहाँ बंगाली, बंगला मुसलमान, बिहारी मुसलमान एवं बिहारी की जनसँख्या है । इस जिले के मूल निवासी आदिवासी की जनसँख्या अब बहुत कम रह गयी है । यहाँ आवागमन थोडा दुरूह था जिसे ग्रामीण पथों ने आसान बना दिया है । इस जिले में बाहय स्थानों से विस्थापित जनसंख्या समानुपातिक रूप में बहुत अधिक है । यह झारखण्ड और बंगाल राज्य का सीमा क्षेत्र है ।पूर्व दक्षिण में गंगा नदी कलकल करती है जबकि पश्चिम क्षेत्र में कोशी और उत्तर में महानंदा प्रवाहित होती है ।

कृषि उत्पादन के क्षेत्र में बिहार क्या पंजाब से भी उर्वरा धरा है जिसके कारण धान, पटुआ,मक्का,मखाना, मछली, लीची, मूंग, केला, आम,अनार, आलू, सब्जी आदि की खेती से यहाँ के किसान समृद्ध हैं । यहाँ की बलुआही मिट्टी की उर्वरा कि जितनी तारीफ की जाय कम है । मवेशी पालन जैसे भैंस, गाय, बकरी, बत्तख, मुर्गा यहाँ आम बात है । यहाँ के पानी में लौह खनिज की मात्रा सामान्य से अधिक है ।

यहाँ के लोग खाने पीने में शौक़ीन हैं ।यहाँ के लोग बंगाली सभ्यता से प्रभावित हैं । कटिहार NFR रेलवे का मुख्य केंद्र बिंदु हैं । कटिहार रेल मार्ग से आसाम, फारविसगंज, मालदह, मनिहारी, बरौनी से जुड़ा है । यहाँ के लोग कानून के पालन करने में राज्य में अव्वल हैं । मनिहारी जलमार्ग द्वारा साहिबगंज से जुड़ा है । कटिहार जिले में सिख पंथ के लोग भी कई गाँव में बसे हुए हैं ।

सम्प्रदायिकता और सहिष्णुता का अनूठा मिश्रण का केंद्र है । व्यावसायिक कारोवार में यह जिला अव्वल है । पूर्णिया और कटिहार एक twin शहर है जिसकी आपस की दूरी 27 KM है ।

मेरे लिए कटिहार जिला थोड़ा व्यक्तिगत रूप में कठिनाई से भरा रहा । प्रथम वर्ष में मेरा बुरी तरह से दुर्घटना हो गयी जिसमें मेरी छाती का रीव टूट गया। दूसरे वर्ष में स्पाइनल कोर्ड में सिस्ट के कारण delhi के गंगा राम में शल्य चिकत्सा कराना पड़ा और अंतिम वर्ष के समापन के समय में मैं मेरी प्रिय माँ की दुर्घटना में 6 मई 2016 को मौत हो गयी ।

कटिहार जिले के चतुर्मुखी विकास के लिए मैं कृत संकल्प रहा । मेरी तरफ से सभी कटिहार वासी एवं  ग्रामीण कार्य के तकनीकी और गैर तकनिकी सरकारी सेवक, जिला के कलेक्टर, जिला के प्रशासनिक पदाधिकारी और संवेदकों को भविष्य के लिए बहुत बहुत शुभकामना । मेरी कटिहार यात्रा में मेरे सहकर्मी और संवेदकों की सहभागिता का अहम् योगदान रहा । सभी जन प्रतिनिधि  एवं जिला के वरीय पदाधिकारी का अगाध स्नेह के लिए धन्यबाद ।

मेरा आप सभी को प्रणाम ।