*मातृदिवस कब और क्यों?*
प्रत्येक प्राणी का अस्तित्व और उसके शरीर का एक- एक कण या रोयां माँ की ही देन है । कोई भी प्राणी अपने पूरे आयु काल में अपने वजूद तक रहने के लिए माँ की देन मात्र है; जिस ऋण से आयुकाल तक कोई जीव उबर नहीं सकता है ।
एक अमेरिकन महिला *अन्ना जारविश* अपनी पूरी आयु बिना शादी के माँ की सेवा में जीवन अर्पित कर दी, परन्तु जो आया है उसे तो जाना भी तय ही है; अर्थात मृत्यु अटल सत्य है । अपनी माँ की मृत्यु के पश्चात अमेरिकन महिला प्रति वर्ष याद में पुण्यतिथि Mother'sday के रुप में मनाने /याद करने लगी ।
*अमेरिकन काँग्रेस ने वर्ष 2014 में मई माह के द्वितीय रविवार को मातृदिवस के रुप में मनाए जाने का फैसला लिया । तब से आज तक पूरे विश्व में मई माह के दूसरे रविवार को मातृदिवस मनाया जाने लगा ।*
प्रत्येक प्राणी का अस्तित्व और उसके शरीर का एक- एक कण या रोयां माँ की ही देन है । कोई भी प्राणी अपने पूरे आयु काल में अपने वजूद तक रहने के लिए माँ की देन मात्र है; जिस ऋण से आयुकाल तक कोई जीव उबर नहीं सकता है ।
एक अमेरिकन महिला *अन्ना जारविश* अपनी पूरी आयु बिना शादी के माँ की सेवा में जीवन अर्पित कर दी, परन्तु जो आया है उसे तो जाना भी तय ही है; अर्थात मृत्यु अटल सत्य है । अपनी माँ की मृत्यु के पश्चात अमेरिकन महिला प्रति वर्ष याद में पुण्यतिथि Mother'sday के रुप में मनाने /याद करने लगी ।
*अमेरिकन काँग्रेस ने वर्ष 2014 में मई माह के द्वितीय रविवार को मातृदिवस के रुप में मनाए जाने का फैसला लिया । तब से आज तक पूरे विश्व में मई माह के दूसरे रविवार को मातृदिवस मनाया जाने लगा ।*
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