Sunday, May 26, 2013

खरबूजा



खरबूजा का पका हुआ फल बलवर्धक, वीर्यवर्धक, वात-पित्त और कब्ज नाशक तो होता ही है, इसके कच्चे फल की सब्जी बनाकर खाना भी स्वास्थ्य के लिये फायदेमंद माना गया है। 
                                                      
- खरबूजा में शर्करा के अलावा प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स, लोहा, कैलोरी, विटामिन ‘ए’,बी और ‘सी’ भी पर्याप्त मात्रा में है, जो शरीर के पोषण के लिये बहुत जरूरी है।
- यह मूत्र सह-प्रजनन संस्थान के रोगों में भी फायदेमंद है।
- पथरी रोग से परेशान व्यक्ति को भोजन के उपरांत इसके सेवन करना चाहिये, अवश्य लाभ होगा।
- खरबूजे के बीज को पीसकर घी में भूनकर अल्प मात्रा में सुबह-शाम खाने से उन्माद, तन्द्रा, चक्कर आना तथा आलस्य आदि में बहुत लाभ होता है।
- खरबूजे के साथ खरबूजे के बीज भी खाना चाहिये, क्योंकि बीज स्मरण शक्ति बढ़ाने व शरीर का पोषण करने में रामबाण दवा है।
- खरबूजा नियमित खाने से रक्तचाप, हृदय नियमित खाने से रक्तचाप, हृदय रोग आदि में भी लाभ होता है और पेट भी ठीक रहता है। यह आंतों को भी साफ रखता है।
- पीलिया, सूजन व एक्जिमा के रोगी भी खरबूजा का नियमित सेवन कर लाभ उठा सकते हैं।
- मिर्गी एवं पागलपन में भी खरबूजा एक सहायक औषधि से कम नहीं है।
- खरबूजे के बीज मस्तिष्क को शीतलता को प्रदान करते ही है, बीजों में वसा, प्रोटीन जैसे पौष्टिक तत्व भी होते हैं।
- खरबूजा गर्मियों में शरीर को लू के प्रभाव से भी बचाता है, क्योंकि उसे खाने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है।
- खरबूज की सब्जी पेट व स्वास्थ्य दोनों के लिये फायदेमंद है।
- खरबूजे में बड़ी मात्रा में आर्गेनिक पिगमेंट केरोटेन्वाइड पाया जाता है, जो कैंसर से बचाने के साथ ही लंग कैंसर की संभावना को भी कम करता है। यह शरीर में पनप रहे कैंसर के मूल को नष्ट कर देता है।
- खरबूजे में एडेनोसीन नामक एंटीकोएगुलेंट पाया जाता है, जो रक्त कोशिओं को जमने से रोकता है। रक्त कोशिकाओं के जमने से ही दौरा और दिल की बीमारी होती है। खरबूजा शरीर में रक्त के बहाव को बनाए रखने में सहायक होता है, जिससे दौरा और दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है।
- अगर आप पाचन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो खरबूजा खाइए।इससे कब्ज़ दूर होती है. खरबूजे में मौजूद पानी की मात्रा पाचन में सहायक होती है। इसमें पाए जाने वाले मिनरल्स पेट की एसीडीटी को खत्म करते हैं, जिससे पाचन प्रक्रिया दुरुस्त रहती है।
- हमारी त्वचा में कनेक्टिव टिशू पाए जाते हैं। खरबूजे में पाए जाने वाले कोलाजन प्रोटीन इन कनेक्टिव टिशू में कोशिका की संरचना को बनाए रखता है। कोलाजन से जख्म भी जल्दी ठीक होते हैं और त्वचा को मजबूती मिलती है। अगर आप लगातार खरबूजा खाएंगे तो त्वचे में रुखापन नहीं आएगा।
- खूरबूजे में डाइयुरेटिक (मूत्रवर्धक) क्षमता काफी अच्छी होती है। इस कारण इससे किडनी की बीमारियां ठीक होती हैं और यह एकजिमा को कम करता है। अगर खरबूजे में नींबू मिलाकर इसका सेवन किया जाए तो इससे गठिया की बीमारी भी ठीक हो सकती है।




- अधिकतर खरबूज में विटामिन ‘बी' पाया जाता है। विटामिन 'बी' शरीर में ऊर्जा के निर्माण में सहायक होता है। सूगर और कार्बोहाइड्रेट को संसाधित करने में यह ऊर्जा शरीर के लिए आवश्यक होती है।
- अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, तो खरबूजा इसके लिए आदर्श जरिया हो सकता है। इसमें काफी कम मात्रा में सोडियम पाया जाता है। साथ ही यह फैट और कोलेस्ट्रोल से भी मुक्त होता है। वहीं इससे काफी कम कैलोरी मिलती है। एक कप खरबूजे में सिर्फ 48 कैलोरी ऊर्जा होती है। खरबूजे में पाए जाने वाले प्रकृतिक मीठेपन से आप उच्च कैलोरी वाली मिठाईयों से भी दूर रहेंगे।
- आंखों को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन ‘ए' की आवश्यकता होती है। खरबूजा यह विटामिन बीटा-कारोटीन के रूप में उपलब्ध कराता है। डब्ल्यूएचएफ के अनुसार रोज तीन बार उच्च बीटा-कारोटीन फल खाने से मैकुलर डीजेनेरेशन का खतरा 1.5 बार खाने वालों की तुलना में 36 प्रतिशत कम हो जाता है। मैकुलर डीजेनेरेशन ढलती उम्र के साथ होने वाली समस्या है, जिससे आंखों की रोशनी भी जा सकती है।
- जब आप तनावग्रस्त होते हैं तो खरबूजे में मौजूद पोटेशियम इससे उबरने में सहायक होता है। पोटेशियम दिल को सामान्य रूप से धड़कने में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है और यह सुचारू रूप से कार्य करता है।
- मधुमेह के रोगी को अक्सर भूख लगती रहती है, क्योंकि उनके आहार में शुगर और ऊर्जा की मात्रा कम होती है। ऐसे रोगी के लिए खरबूजे का जूस अच्छा आहार हो सकता है। विशेषज्ञ हमेशा मधुमेह के रोगी को खरबूजे का जूस लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि यह रक्त में सूगर के स्तर को कम करता है।
- खरबूजे को कद्दूकस कर के उसमे थोड़ी शकर और निम्बू का रस , इलायची आदि मिलाकर स्वादिष्ट पेय तैयार होता है. इसे बच्चें भी पसंद करते है.
- सावधानी -- इसके अधिक सेवन से पेट और आँतें कमजोर होती हैं। इसे खाने के कम से कम १ से २ घंटे तक पानी और दूध नहीं पीना चाहिए।

सौजन्य - aurveda

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