27 अक्टूबर कि घटना को माननीय मुख्यमन्त्री , बिहार को राजगीर कि jdu की अधिवेशन शिविर में कि गयी नमो पर प्रत्य़क्ष अभिव्यक्ति सही समय पर इतिहास से तुलना करने का नहीं था।
साथ ही साथ नमो द्वारा पुनः बिहार आकर आतंकी घटना को राजनितिक रंग देने के लिए पीड़ित परिवारों से मिलना एकदम अस्वस्थ परंपरा है।
देश / राज्य के सभी राजनीतिज्ञ दल को २७ अक्टूबर कि घटना पर मिलकर डटकर मुकाबला करने का वक्त है।
सुशील मोदी की घटना पर अबतक राजनीति स्वार्थ के लिए निहितार्थ निकलना एकदम अनुपयोगी है।
क्या भारत के रानीतिज्ञ इन सबसे कब सबक लेंगें।
साथ ही साथ नमो द्वारा पुनः बिहार आकर आतंकी घटना को राजनितिक रंग देने के लिए पीड़ित परिवारों से मिलना एकदम अस्वस्थ परंपरा है।
देश / राज्य के सभी राजनीतिज्ञ दल को २७ अक्टूबर कि घटना पर मिलकर डटकर मुकाबला करने का वक्त है।
सुशील मोदी की घटना पर अबतक राजनीति स्वार्थ के लिए निहितार्थ निकलना एकदम अनुपयोगी है।
क्या भारत के रानीतिज्ञ इन सबसे कब सबक लेंगें।
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