दुशासन और दुर्योंधन से घृणित व्यक्ति को हमारे धर्मशास्त्र मे भी
श्री कृष्ण द्वारा महाभारत मे समाज को नसीहत हेतु क्रुरतम दंड देकर
सबको अनुपालन का नजीर पेश किया है . फिरभी आज के तथाकथित राजा और नयायाधीश क्यों असमंजश
में हैं .
कही मिलीभगत या खुद भी लिप्त होने के कारण ऐसा करके खुद को बचाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं ?
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